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राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व

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  Rajasthan Famous Personality ( राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व ) राजस्थान के प्रमुख स्वतन्त्रता सेनानी ( Famous Freedom Fighter of Rajasthan ) Hiralal Shastri ( हीरालाल शास्त्री ) जन्म 24 नवंबर 1899 जन्म स्थल जोबनेर जयपुर वनस्थली विद्यापीठ नमक महिला शिक्षण संस्थान के संस्थापक शास्त्री जी भारतीय देशी राज्य लोक परिषद के प्रधानमंत्री तथा 30 मार्च 1949 को वृद्ध राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री बने टोंक जिले के निवाई तहसील के वनस्थली ग्राम में स्थित जीवन कुटीर नामक संस्था के संस्थापक शास्त्री जी 1958 से 62 तक सवाई माधोपुर के लोकसभा सदस्य रहे तथा 28 दिसंबर 1974 को स्वर्ग सिधार गए प्रत्यक्ष जीवन शास्त्र नामक पुस्तक का लेखक किया एवं प्रशिक्षण नमो नमो नमः गीत लिखा जो बहुत लोकप्रिय हुआ Motilal Tejavat ( मोतीलाल तेजावत ) 16 मई 1887 जन्म स्थल कोलिया उदयपुर आदिवासियों का मसीहा बाबू जी का जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी मोतीलाल तेजावत ने  1920 में चित्तौड़गढ़ स्थित मात्र कुंडिया नामक स्थान पर एक ही आंदोलन प्राप्त किया जिसके माध्यम से सर्वप्रथम पोलो में राजनीतिक जागृति पैदा हुई उदयपुर चित्तौड़गढ़ से लोकसभा

राजस्थान की प्रमुख महिला व्यक्तित्व

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राजस्थान के प्रमुख महिला व्यक्तित्व ( Rajasthan’s leading female personality ) चंदा कोचर (  Chanda Kochhar ) वुडरो विल्सन अवार्ड पाने वाली पहली भारतीय महिला का जन्म 17 नवम्बर 1961 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ है। चंदा कोचर ने एमबीए और कॉस्ट एकाउन्टेन्सी में शिक्षा हासिल कर जमनालाल बजाज प्रबन्धन संस्था से प्रबन्धन के क्षेत्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की। साल 2006 में इनकी योग्यता को देखते हुए प्राइवेट सेक्टर प्रमुख बैंक आईसीआईसीआई ने इन्हें अपना उप प्रबंध निदेशक बनाया। इतना ही नहीं भारतीय उद्योग जगत और बैंकिंग के क्षेत्र में इनका नाम दुनियाभर में मशहूर है। अपने इसी काबिलियत के कारण ये दुनिया की शीर्ष महिलाओं की सूची में शामिल की जा चुकी हैं। इसके अलावा चंदा कोचर को उनकी उपलब्धियों के कारण कई राषट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से समय-समय पर नवाजा भी गया है। फिलहाल वो आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी ऑफिसर (सीईओ) और प्रबन्ध निदेशक (एम डी) हैं। तनु श्री पारीख ( Tanushree Parikh ) राजस्थान के बीकानेर की रहने वाली तनुश्री पारीख ने ना केवल खुद को इस पुरुष समाज साबित किया। बल्कि अपनी एक

राजस्थान के दर्शनीय स्थल पार्ट-2

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  राजस्थान के दर्शनीय स्थल ( Rajasthan Tourist Places Part 02 ) डूंगरपुर के दर्शनीय स्थल  ( Tourist places in Dungarpur ) विजय राजराजेश्वर मंदिर उदय विलास पैलेस अद्भुत, अभूतपूर्व और उत्कृष्ट संरचना – उदय विलास पैलेस। महाराजा उदयसिंह द्वितीय के नाम पर उदय विलास पैलेस का नाम रखा गया था। बेजोड़ राजपूत वास्तुशिल्प शैली पर आधारित इसका मंत्रमुग्ध करने वाला रेखांकन है, जिसमें छज्जे, मेहराब और झरोखों में विस्तृत चित्रांकन किया गया है। यहां पाए जाने वाले पारेवा नामक स्थानीय नीले ’धूसर’ पत्थर से बनाई गई संुदर कलाकृति झील की ओर मुखरित है। महल को रानीवास, उदय विलास और कृष्ण प्रकाश में विभाजित किया गया है जिसे ’एकथंभिया महल’ भी कहा जाता है। एकथंभिया महल राजपूत वास्तुकला का एक वास्तविक आश्चर्य है जिसमें जटिल मूर्तिस्तम्भ और पट्टिका, अलंकृत छज्जे, जंगला, कोष्ठक वाले झरोखे, मेहराब और संगमरमर में नक़्काशियों की सजावट शामिल है। उदय विलास पैलेस आज एक हैरिटेज होटल के रूप में पर्यटकों को आकर्षित करता है तथा शाही ठाट-बाट का असीम आनन्द देता है। जूना महल राजपूती शान का प्रतीक और महल के साथ साथ गढ़ के समान सुदृढ

राजस्थान के दर्शनीय स्थल

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  Rajasthan Tourist places Part 01  ( राजस्थान के दर्शनीय स्थल) बूंदी के दर्शनीय स्थल (  Tourist places in Bundi ) चौरासी खम्भों की छतरी – बूंदी शहर से लगभग डेढ किलोमीटर दूर कोटा मार्ग पर यह भव्य छतरी स्थित हैं। राव राजा अनिरूद्व सिंह के भाई देवा द्वारा सन् 1683 में इस छतरी का निर्माण करवाया गया था। चौरासी स्तम्भों की यह विशाल छतरी नगर के दर्शनीय स्थलों में से एक हैं। तारागढ दुर्ग – बूं दी शहर का प्रसिद्व दुर्ग जो पीले पत्थरों का बना हुआ हैं, तारागढ के दुर्ग के नाम से प्रसिद्व हैं। इसका निर्माण राव राजा बरसिंह ने 1354 में बनवाया था।  रामेश्वर- बूंदी से 25 किलोमीटर दूर रामेश्वर प्रसिद्व पर्यटक स्थल हैं। यहाँ का जल प्रपात और शिव मंन्दिर प्रसिद्व हैं। खटखट महादेव- बूंदी नैनवा मार्ग पर खटखट महादेव का प्रसिद्व मंदिर स्थित हैं। यहाँ का शिवलिंग खटखट महादेव के नाम से प्रसिद्व हैं। इन्द्रगढ- यह पश्चिमी-मध्य रेल्वे के सवाईमाधोपुर-कोटा रेल खण्ड पर स्थित हैं। यहाँ से 20-25 किलोमीटर दूर इन्द्रगढ की माता जी का मंदिर स्थित हैं जहाँ प्रतिवर्ष एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता हैं। नवलसागर- तारागढ दुर्ग

राजस्थान के लोक संगीत

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  Rajasthan Folk music ( लोक संगीत ) भारत संगीत गायन शैलियां (  Bharat Music Singing Styles ) 1. ध्रुपद गायन शैली ( Dhrupad singing style ) जनक – ग्वालियर के शासक मानसिंह तोमर को माना जाता है। महान संगीतज्ञ बैजू बावरा मानसिंह के दरबार में था। संगीत सामदेव का विषय है। कालान्तर में ध्रुपद गायन शैली चार खण्डों अथवा चार वाणियां विभक्त हुई। (अ) गोहरवाणी (  Gorawani ) उत्पत्ति- जयपुर जनक- तानसेन (ब) डागुर वाणी (  Dagur vani ) उत्पत्ति- जयपुर जनक – बृजनंद डागर (स) खण्डार वाणी ( Khandar Vani ) उत्पत्ति – उनियारा (टोंक) जनक- समोखन सिंह (द) नौहरवाणी जयपुर ( Navhwani Jaipur ) जनक- श्रीचंद नोहर 2. ख्याल गायन शैली ( Kayal singing style ) ख्याल फारसी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है कल्पना अथवा विचार जनक- अमीर खुसरो जो अलाउद्दीन खिलजी के दरबार में था। खुसरो को कव्वाली का जनक माना जाता है। कुछ इतिहास -कार जोनपुर (महाराष्ट्र) के शासक शाहसरकी को ख्याल गायन श्शैली का जनक मानते है। 3. माण्ड गायन शैली ( Mand S inging style  ) 10 वीं 11 वीं शताब्दी में जैसलमेर क्षेत्र माण्ड क्षेत्र कहलाता था। अतः यहां विकसित

राजस्थान के पर्व

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  Rajasthan Festival ( राजस्थान के पर्व ) हिंदुओं के त्योहार ( Festivals of Hindus ) 1  तीज  राजस्थान की स्त्रियों का सर्व प्रिय त्यौहार है तीज प्रतिवर्ष 2 बार आती है बड़ी तीज भाद्र कृष्ण तृतीया छोटी तीज श्रवण शुक्ला तृतीया छोटी तीज ही अधिक प्रसिद्ध है तीज के 1 दिन पूर्व सिंजारा का पर्व मनाया जाता है । 2  नाग पंचमी  सावन कृष्णा पंचमी को नाग पूजा की जाती है घर के दरवाजे के दोनों और गोबर से नाग का चित्र अंकित किया जाता है । 3  रक्षाबंधन  श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है बहन भाई को राखी बांधती है। 4  उपछठ  भाद्र कृष्ण षष्ठी में कुंवारी कन्याओं के लिए उबछठ का त्यौहार आता है कुंवारी कन्याएं दिनभर खड़ी रहती है खाना नहीं खाती चंद्रमा के दर्शन के बाद भोजन करती है । 5  हिंडोला  उत्सव श्रावण व भादो के महीने में मनाया जाता है राम और कृष्ण की मूर्तियों को झूले पर बिठाकर झुलाते हैं । 6 श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक  श्राद्ध पक्ष  मनाया जाता है । 7  जन्माष्टमी  यह त्यौहार भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है इस दिन कृष्ण भगवान का